यह मामला सोनीपत की है जब एक LLB की छात्रा ने सामूहिक रेप का केस लगाया था, और बाद में आरोपियों को पहचान नहीं पायी.
छात्रा द्वारा बयान बदले जाने पर अदालत ने छात्रा पर धारा 193 के तहत करवाई करने का आदेश दिया था. अदालत ने छात्रा को दोषी पाते हुए 3 साल की कैद की सजा सुनाई और साथ ही 5 हज़ार रुपए की जुर्माना भी लगाया और जुर्माना नहीं देने की स्थिति में 6 महीने की अतिरिक्त सजा का भी आदेश दिया. छात्रा ने आरोप लगाया था कि 16 मई 2012 को 3 लोगो द्वारा स्कॉर्पियो कार से अगवा कर खेत ले गए जहाँ चौथे व्यक्ति का भी जिक्र किया था, और चारों के द्वारा सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया था. आरोप की सुनवाई के दौरान छात्रा के बयान बदल गए थे और आरोपियों को भी पहचान नहीं पाई. सरकारी अधिवक्ता पवन अत्री ने इस फैसले की सराहना की साथ हीं कहा कि ऐसे फैसले से आम लोगों का अदालत पर विश्वाश बढ़ेगा.