
सूत्रों की माने तो CBI ने कयी पत्र पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को भेजा था, परन्तु राजीव कुमार CBI के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुए.
रवि शंकर प्रसाद ने मीडिया से कहा कि भ्रष्टाचार की जाँच करना पाप है क्या, जहाँ चिट-फ़ंड गरीब जनता के पैसे का गबन हुआ है.
वहीं ममता बनर्जी ने इसे संविधान पर हमला बताया, और साथ हीं कहा कि, “मै अपनी जान देने को तैयार पर समझौता नहीं कर सकती”.
कमिश्नर राजीव की माँ भी आगे आकर बोली, कि मेरा बेटा कुछ गलत नहीं कर सकता है, पूरा विश्वाश है, साथ ही आरोप लगाया कि अमित शाह की हेलीकाप्टर नहीं उतरने दी इसलिए यह करवाई हुई.
पूरे बवाल मे एक मुद्दा बहुत ही जोर पर है, कि CBI को ऐसे औचक पहुचने से पहले किसी मैजिस्ट्रेट से अनुमति लेना होता है, जो CBI ने नहीं लिया, वहीं BJP के प्रवक्ता ने मीडिया के हवाले से कहा कि CBI ने करवाई कानून के अंतर्गत ही किया है.
बहरहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में है, “कल दूध का दूध पानी का पानी” हो जाएगा. परंतु इन सब घटनाओं में ऐसा पहली बार है कि राज्य का मुख्यमंत्री और कमिश्नर एक साथ एक मंच पर धरना दे रहे. यह मुद्दा एक नए रुख लेते हुए मोदी विरोधी भी बनता दिख रहा है.