हसीन जहां बीते शाम अचानक शमी के पैतृक निवास पर पहुंच कर हंगामा किया. कहा पति का घर है मै यहीं रहूँगी.
पुरुष अधिकारों के करयकर्ताओं ने कहा कि, आमतौर पर देखा गया है कि, ऐसे परिवारिक झगड़े में, पति और उसके परिवार वालों पर 4-5 केस लग जाते हैं. जिन कानूनों को महिला सुरक्षा के लिए बनाया गया था, उसके महिलाये जरूरत के अनुसार इस्तेमाल कर रहीं हैं. सिर्फ परिवारिक मामला नहीं रह गया है.
बताया जाता है कि हसीन जहां बीते शाम, मोहम्मद शामी के पैतृक निवास पर पहुंच कर घर में घुस गयी. घर में मौजूद शमी की माँ से भी काफी नोक झोक की. इस पूरे झगड़े में गाँव की भीड़ भी इकट्ठा हो गई. फिर शामी की माँ के तहरीर पर पुलिस ने करीब 1 बजे रात तक बीच बचाव का प्रयास किया.
मामले के बाद, पुलिस ने शांति भंग करने के आरोप में हसीन जहां को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद हसीन जहां को एसडीएम के समक्ष प्रस्तुत किया, जहाँ की हसीन जहां को जमानत पर छोड़ दिया गया.
वर्ष 2018 में हसीन जहां ने अपने पति शामी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था और मुकदमा भी दर्ज करवाया था. साथ हीं हसीन जहां ने शमी के भाई एवं परिवार के अन्य सदस्यों पर यौन उत्पीड़न का भी मुकदमा दर्ज कराया हुआ है.
ऐसे हालातों में हसीन जहां का पति घर पहुंच कर झगड़ा करना, मोहम्मद शामी के लिए परेशानी पैदा कर सकता है.
बीते वर्ष मुकदमे करने के बाद, हसीन जहां, शमी के पैतृक निवास पहुंच गयी और, घर में कोई नहीं होने की स्थिति में, घर का ताला तोड़ घूंस गयी थी, जिसपर शमी ने कहा था कि, किसी होटल में चली जाएं, और शमी ने खुद ही होटल के खर्चे की भुगतान की भी बात कही थी.
वहीं हसीन जहां ने पुलिस से कहा कि यह उसके पति का घर है, और पति के घर में रहना उसका अधिकार है. वो अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रही है. साथ ही कहा कि क्या यह सरकार को नहीं दिख रहा है.
हसीन जहां ने आरोप लगाया कि उसे बिस्तर पर से खीच कर लाया गया है, उसे चोट भी आई है. कहा कि शमी अपने पावर का इस्तेमाल कर उसे परेशान कर रहे हैं.
पुरुष अधिकार के कार्यकर्ता विक्रम ने कहा कि, कोई भी महिला पूरे परिवार पर मुकदमा कर अचानक रहने पहुंचती है, तो इससे समझा जा सकता है कि हसीन का क्या इरादा है. अगर मुकदमा चल रहा है तो ऐसे स्थिति में वो कोर्ट से भी अपने रहने की बात कर सकती थी.
एक्टिविस्ट मनमित ने कहा कि, ऐसे घटनाये समाज के लिए सही नहीं है, जबकि मामला कोर्ट में है, फिर भी हसीन जहां, कानून का सहारा ना लेकर महिला शक्ति का उपयोग कर रही.
एक्टिविस्ट कुमार ने कहा कि, चूकि कानून में झूठे आरोपों के लिए कोई मजबूत कानून नहीं है, इसके वजह से महिलाएँ खुलेआम करती है, कानून का दुरुपयोग. इनसे कोई भी नहीं बचा अब तो कानून के महागुरू CJI गोगोई भी अछूते नहीं.
एक्टिविस्ट पांडुरंग ने कहा कि, अब तो यह भेदभाव खत्म होना चाहिए, जो महिला सुरक्षा के कारण पुरुषों के प्रताड़ना का कारन बन चुका है.