BCCI बना अकबर, पंड्या को बनाया अनारकली, और सजा भी वही दीवाल मे चुनवा देने की

हार्दिक पंड्या ने ऐसा किया क्या, जिसकी सजा उसे BCCI ने दी है सस्पेंड कर. R J Raunak ने अपने अंदाज में विडियो बनाकर तथ्यों और सच्चाई को सामने रखा है. इस विवादास्पद शो मे पंड्या ने कहा की वो अभी “कर” के आया है, अगर कानून की माने तो सहमति से बनाए गए संबंध गलत नहीं हैं. तो BCCI को क्या परेशानी रही.

विवादास्पद शो, कोई धार्मिक या भौगोलिक या वर्ल्ड इकनॉमिक पर चर्चा के लिए तो थी नहीं, वो कॉफी टाइम पर चर्चा थी, तो BCCI का एक्शन लेना कहीं पंड्या के परफॉर्मेंस पर असर ना कर दे.

आर जे रौनक ने कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए, जैसे क्या पंड्या ने ट्रेनिंग सेसन नहीं अटेड करता था या की BCCI के रूल रेगुलेशन तोड़े, या फिर वो क्रिकेट खेलना छोड़ आईयशी काट रहा था? पांड्या इंडियन टीम का एक अच्छा प्लेयर एवँ अच्छा परफॉर्मर था, ना तो इसकी शिकायत ही किसी प्लेयर या टीम कप्तान ने की, तो रौनक ने अपने हीं मजाकिया अंदाज में पूछा, BCCI को प्रॉब्लम क्या थी.

वहीं इन दिनो मीडिया में भी चर्चा रही और बताया गया, की ऐसी बात अगर कोई स्त्री करती तो उसे प्रोग्रेससिव माना जाता, तो पंड्या का सस्पेंशन कही इस डर से तो नहीं की, पुरुष के लिए कोई कानून नहीं, और स्त्री बोले तो सत्य पुरुष बोले तो जुठ. समाज को और सिस्टम को भी यह समझना चाहिए कि मौका क्या था और क्या पुरुष द्वारा बोले हर तरह की बात को स्त्री सुरक्षा और सम्मान से ही जोड़ना चाहिए, यदि ऐसा है तो जीतने हास्य जोक बनाने वाले है क्या इन कलाकारों को जेल डाल देंगे? यह समझने वाली बात है की पुरुष ने हमेशा हीं नारी सम्मान की बात की है, और हमेशा से ही करती भी आई है, तो सिर्फ़ दुर्घटनाओं को लेकर, पुरुष के किसी भी बात को नारी सम्मान से जोड़ना गलत हीं होगा? ऐसी स्थिति में पुरुष को क्या महिलाओं जैसे शब्दों का प्रयोग करने से परहेज करना होगा?

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