अदालत ने कहा कि गुजारा भत्ता राशि ऐठने के लिए नहीं.
मीडिया सूत्रो से, परिवार न्यायालय की न्यायाधीश मधु जैन की अदालत में एक महिला ने अपने पति से गुजारा भत्ता दिलवाने के लिए आवेदन दिया था. जिसपे अदालत ने ऐसा पाया कि महिला पहले काम करती थी और उस आमदनी से अपना खर्च वहन कर रही थी, परन्तु अदालत में आवेदन देने से पहले काम को छोड़ दिया था.
ग्यात हो कि, पहले भी समय – समय पर ऊंचे आदलतो ने कहा है कि, गुजारा भत्ता घर बैठों की सेना बनाने के लिए नहीं. पिछली साल भी महाराष्ट्र की एक अदालत ने पत्नी को व्यवहारिक पाठ्यक्रम करने की सलाह दी थी.
मामले की सुनवाई में, अदालत ने यह भी पाया कि महिला ब्रिटेन में ऊंच शिक्षा के लिए गयी है, तो अदालत ने कहा कि ऐसे मामले आजकल बढ़ रहे हैं जहाँ पत्नी पक्ष भत्ता कानून का इस्तेमाल परेशान करने के लिए करते हैं.